टीका – जो-जो स्थान कवच में नहीं कहे गये हैं, स्तम्भिनी मेरे उन सभी स्थानों की सदा रक्षा करें । जीवहारं केलया, बुद्धिं विनाशाय हरिं अम स्वाहा’ अर्थ: हम देवी से प्रार्थना करते हैं कि वे नकारात्मक शक्तियों को निष्क्रिय कर दें और उनकी विनाश पैदा करने वाली भाषा को https://youtube.com/shorts/CQDKEh9UjJA
The Basic Principles Of Baglamukhi beej mantra
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